ग्राफ़िक डिज़ाइनर बनना सिर्फ कुछ सॉफ्टवेयर चलाना सीखना नहीं है, ग्राफ़िक डिज़ाइनर बनने के लिए क्रिएटिव सोच होनी चाहिए और हर चीज़ को देखने का अलग नजरिया होना जरुरी है, कुछ सॉफ्टवेयर चलाना सिखने से कोई डिज़ाइनर नहीं बन सकता सॉफ्टवेयर सिर्फ वो उपकरण है जिससे हमें अपनी सोच को डिजिटल रूप देने में आसानी करता है पर सोच होनी तो चाहिए, अगर आपके पास एक पेन या पेंसिल है और उसकी मदद से कागज पर कुछ बनाते हो तो भी आप डिज़ाइनर हो
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आजकल हर कोई बस कॉपी पेस्ट करने को डिजाइनिंग समझता है, ऐसी तमाम websites है जहा से बने बनाये डिज़ाइन को उठा कर उन्हें इस्तमाल किआ जा सकता है, पर क्या ऐसे करके आप अपने आपको डिज़ाइनर कहोगे, आपको डिज़ाइनर बनने के लिए कोई सॉफ्टवेयर चलाना सिखने की जरुरत नहीं है,
freepik , shutterstock , vector 123 जैसी कई वेबसाइट का जिसका इस्तमाल आजकल के डिज़ाइनर करते है पर ऐसी वेबसाइट आपकी क्रिएटिविटी को ख़तम कर रही है, जब क्या होगा जब ऐसी कोई वेबसाइट नहीं होगी क्या तब कई लोग कुछ अपने आप कुछ बना पाएंगे?
आजकल मुश्किल येहि है की अपनी सोच से बनाने वाले डिज़ाइनर काफी काम रह गए है खासकर हिंदुस्तान और पाकिस्तान में तो डिज़ाइनर स्किल्स ख़तम होती जा रही है, पर जो डिज़ाइनर कॉपी पेस्ट डिज़ाइन करते है वो अपना भविस्य ख़राब कर रहे है,
डिज़ाइनर बनना मुश्किल नहीं है, अच्छा डिज़ाइनर बनना मुश्किल है
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हमें कॉपी पेस्ट की इतनी आदत लग गयी है की कोई भी नया डिज़ाइन आते ही हम लग जाते है गूगल पर सर्च करने और कॉपी के लिए कुछ ढूंढने अपना दिमाग चलाना पसंद नहीं करते.
हिंदुस्तान के designers का नाम आज दुनिया में ख़राब हो रहा है क्युकी हमें गूगल की लत लग गयी है, हम अपने आस पास की चीज़ो से कुछ सिखने से ज्यादा गूगल पर भरोसा करते है गूगल की आँखों से देखते है. आज कुछ भी नई खोज नहीं हो रही क्युकी हम करना ही नहीं चाहते जितना गूगल दे रहा है उस्ता कर रहे है अपना कुछ नया नहीं बना रहे
सब designers जरा सोचे आज अपने क्या अपने आप अपनी सोच से बनाया, क्या ऐसा बनाया जो खुद अपने दिमाग से निकला है, ऐसा बनाओ की लोग अपने inspire हो अपने दिमाग का इस्तेमाल करो तभी एक डिज़ाइनर कहलाओगे
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